भोर की किरणें भोर की किरणें
अशुभ शुभ हो गया, दृष्टि में समभाव हो, इस ब्रह्मांड में एकता का भाव हो। अशुभ शुभ हो गया, दृष्टि में समभाव हो, इस ब्रह्मांड में एकता का भाव हो।
जो खिल खिलाई एक धूप की किरण आसमान में, जो खिल खिलाई एक धूप की किरण आसमान में,
शुभकामनाएं देता मन मधुकर खुशियों से घर आँगन भरकर। शुभकामनाएं देता मन मधुकर खुशियों से घर आँगन भरकर।
पिता का बढ़ाओ जग में मान पिता को हम पर हो अभिमान पिता का बढ़ाओ जग में मान पिता को हम पर हो अभिमान
जब मैं एक रेल पुल पर बैठता हूँ, वह हाथ में गले लगाती है, जब मैं एक रेल पुल पर बैठता हूँ, वह हाथ में गले लगाती है,